Wednesday, September 22, 2021

अंतरराष्ट्रीय शान्ति दिवस की सभी शिक्षक एवं विद्यार्थियों को शुभकामनाएं


  21 सितंबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन की शुरुआत 1982 से हुई थी, जिसकी थीम 'Right to peace of people' रखी गई थी। 1982 से लेकर 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन सन् 2002 से इसके लिए 21 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई।

तब से लेकर आज तक हर वर्ष 21 सितंबर के को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में शांति का संदेश पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कला, साहित्य, संगीत, सिनेमा और खेल जगत की प्रसिद्ध हस्तियों को शांतिदूत नियुक्त किया हुआ है। 
 
विश्व शांति दिवस पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का पैगाम दिया जाता है और एक दूसरे से भी शांति कायम रखने की अपेक्षा होती है। सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से लेकर अलग-अलग संगठनों, स्कूलों और कॉलेजों में शांति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।  जीवन का प्रमुख लक्ष्य शांति और खुशी प्राप्त करना है, जिसके लिए मनुष्य निरंतर कर्मशील तो है लेकिन शांति के लिए प्रयासरत नहीं। पूरा विश्व, समस्त देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।

Tuesday, September 14, 2021

हिन्दी दिवस(14 सितम्बर) की शुभकामनाएं |

 

हिन्दी दिवस का इतिहास

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। क्यूंकि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत होकर यह निर्णय लिया था की हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इस महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने का है।
आज की पोस्ट में हम आपको हिंदी दिवस के बारे में अधिक जानकारी देते हुए इसके इतिहास के बारे में भी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।
14 सितंबर, 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। लेकिन जब साल 1947 में अंग्रेजों से भारत आजाद हुआ तो भारत के सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल था। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है। 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ। संविधान सभा ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी। आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ। लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था। काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी।
भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में यह वर्णित है कि “संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय  होगा  |

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की कि इस दिन के महत्व देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाए। आपको बता दें पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था। साल 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के साथ साथ गांधी जी ने इसे जनमानस की भाषा भी कहा था।
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी। अंग्रेजी भाषा को हटाए जाने की खबर पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रर्दशन शुरू हो गया था। तमिलनाडू में जनवरी 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे हुए थे।

खैर जो भी है लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी हमारी राजभाषा है जिसका हमें सम्मान करना चाहिए। हर जगह हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। चाहे वह हिंदी दिवस हो या ना हो। क्योंकि 
हिंदी हैं हम वतन है - हिंदुस्तान हमारा। 
हमारी भाषा हिंदी हिंदुस्तान की शान है, 
इसे आसानी से हम लुप्त होने नहीं देंगे।
पुस्तकालय,केन्द्रीय विद्यालय,रिफाइनरी नगर,मथुरा |

Saturday, September 4, 2021

सभी शिक्षक एवं शिक्षार्थियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं |

 

जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरुरी है शिक्षक | शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के जीवन को बनाने और उसे आकार देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | प्राचीन काल से ही गुरुओं का हमारे जीवन में बड़ा योगदान रहा है | गुरुओं से प्राप्त ज्ञान और मार्गदर्शन से ही हम सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं | शिक्षक दिवस पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है. क्या आप जानते हैं कि शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है आइये जानते है इसके बारे में-

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में सम्पूर्ण भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है. वह एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति थे | गुरु का हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है और इसलिए कहा गया है कि-

ऐसा कहा जाता है कि गुरु अर्थात शिक्षक के बिना सही रास्तों पर नहीं चला जा सकता है. वह मार्गदर्शन करते है. तभी तो शिक्षक छात्रों को अपने नियमों में बांधकर अच्चा इंसान बनाते हैं और सही मार्ग प्रशस्त करते रहते है. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि जन्म दाता से बढकर महत्व शिक्षक का होता है क्योंकि ज्ञान ही इंसान को व्यक्ति बनाता है, जीने योग्य जीवन देता हैं |

भारत में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है-

इस दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हैं, उत्सव, कार्यक्रम आदि होते हैं. शिक्षक अपने टीचर्स को गिफ्ट देते हैं. कई प्रकार कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती है जिसमे छात्र और शिक्षक दोनों ही भाग लेते है. गुरु-शिष्य परम्परा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं |

यह दिन शिक्षक और छात्रों अर्थार्थ यू कहें तो समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है | इसी दिन शिक्षको को मान-सम्मान देकर उनके काम की सराहना करते है. एक शिक्षक के बिना कोई भी डॉक्टर, इंजीनियर आदि नहीं बन सकता है. शिक्षा का असली ज्ञान सिर्फ एक शिक्षक ही दे सकता है |

शिक्षक दिवस को मनाने कि तिथियां अलग-अलग देशों में भिन्न हैं. क्या आप जानते हैं कि यूनेस्को ने आधिकारिक रूप में 'शिक्षक दिवस' को मनाने के लिए 5 अक्टूबर को चुना अब इसलिए 100 से अधिक देशों में यह 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है |

अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि 5 सितंबर का दिन डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में ही नहीं बल्कि शिक्षकों के प्रति सम्मान और लोगों में शिक्षा के प्रति चेतना जगाने के लिए भी मनाया जाता है |

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शिक्षक दिवस समारोह 5 सितम्बर 2024

केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में दिनांक 05 सितम्बर 2024 को शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया ।  शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के ...