21.12.2022- 09.01.2023
Class VI-XII
Library Homework(Winter Break)
Librarian
KV MRN MATHURA
21.12.2022- 09.01.2023
Class VI-XII
Library Homework(Winter Break)
DATE | ACTIVITY |
21.12.2022- 25.12.2022 | Word of the Day- Find difficult/new words from newspapers and write the meaning of the word with the help of dictionary.( One word everyday) |
26.12.2022- 31.12.2022 | G.K.Hunt- find general knowledge bits from the newspaper of the day and write down in notebook. |
01.01.2023- 07.01.2023 | News and Views -Read two news and story from different newspapers and discuss with family. ( E- newspapers link is given in library blog.) This activity will help students to understand and analyze a news story from different point views. |
08.01.2023- 09.01.2023 | Learn and practice book review write in notebook. Write down in notebook you can choose any one field as a career in future life. |
Librarian
KV MRN MATHURA
प्रारंभ तिथि: | 25 नवंबर 2022 |
अंतिम तिथि: | 30 दिसंबर 2022 |
MyGov पर आयोजित प्रतियोगिताओं के माध्यम से लगभग 2050 छात्रों, शिक्षकों और शिक्षा मंत्रालय द्वारा पंजीकृत किट पंजीकृत किए जाएंगे।
केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में आज बड़े ही उत्साह के साथ संविधान दिवस (26 नवम्बर 2022) मनाया गया साथ ही साथ सविंधान की प्रस्तावना को पढ़कर शपथ लिया गया।
26 नवंबर को संविधान दिवस है, जिसे पूरे देश में मनाया जा रहा है। हमारे भारतीय
संविधान को अपनाए जाने की याद में हर साल 26
नवंबर को देश में संविधान दिवस के तौर मनाया जाता है।
वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा
भारतीय संविधान को 26 नवंबर
को ही अपनाया गया गया था। हालांकि, इसे 26 जनवरी
1950 से पूरे देश में लागू
किया गया था। वहीं, केंद्र
सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19
नवंबर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इसके बाद से
हर साल संविधान दिवस को इस दिन मनाया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें राष्ट्रीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस और
भारतीय संविधान दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इसकी प्रस्तावना से लेकर
इसके लिखे जाने और लागू होने तक की पूरी कहानी और कुछ तथ्य इस अवसर पर स्टूडेंट्स
को पता होने चाहिए। इसलिए हम आपको यहां इसकी संक्षिप्त जानकारी दे रहे हैं।
बता दें कि 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था, लेकिन इसे स्वीकार किए जाने के दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू किया गया था। इसी कारण 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के संविधान का इतिहास-
हमारा
संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के
संविधान का मिश्रण है। इसे तैयार करने में करीब 2 साल 11
महीने 18 दिन का समय लगा था। वहीं अंतिम
रूप देने से पहले इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे।
भारतीय संविधान के बारे में कहा जाए तो यह बहुत लंबा संविधान है। इसे दुनिया का
लंबा संविधान कहा जाता है।
अपने
मूल रूप में भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद,
22 खण्ड और 8 अनुसूचियां हैं। हमारे
संविधान में कुल 1,45,000 शब्द हैं, जो कि पूरे विश्व में सबसे लंबा अपनाया गया संविधान है। हालांकि,
इस समय हमारे संविधान में 470 अनुच्छेद,
25 खण्ड और 12 अनुसूचियों के साथ-साथ 5
परिशिष्ट भी हैं।
दरअसल
सबसे पहले सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट मंत्रालय ने 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया, जिससे इसकी महत्व को बताया जा सके। देश के लोगों को संविधान के बारे में जागरुक करने
के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है। संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देश के हर
नागरिक को हो इसके लिए संविधान दिवस मनाने का फैसला हुआ था। इसलिए इस दिन स्कूल, कॉलेजों में भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाता है और भारत के संविधान की
विशेषता एवं महत्व पर चर्चा की जाती है।
QUESTION PAPER FOR EXAMINATION
CBSE BOARD EXAM REFERENCE MATERIAL
Class XII Sample Question Paper & Marking Scheme for Exam 2022-23
Class X Sample Question Paper & Marking Scheme for Exam 2022-23
CBSE Curriculum(IX-XII) for the Academic Year 2022-23
CBSE E-Books and Supportive Material
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केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में आज बड़े ही उत्साह के साथ बाल दिवस (14
नवम्बर 2022) मनाया गया।
बाल-दिवस यानि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंo
जवाहरलाल नेहरू का बच्चों
के प्रति लगाव को याद करने का दिन।
देशभर
में 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया
जाता है। बाल दिवस हर साल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जयंती पर
मनाया जाता है। बाल दिवस बच्चों के लिए बेहद खास दिन होता है। बाल दिवस के अवसर पर
स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू के
निधन से पहले बाल दिवस हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता
था। जवाहर लाल नेहरू का बच्चों से बहुत लगाव था। इसलिए उनके निधन के बाद बाल दिवस
हर साल 14 नवंबर,
को
मनाया जाने लगा।
केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में आज बड़े ही उत्साह के साथ राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर 2022) मनाया गया।
राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 पर विद्यालय की श्रीमती वंदना सक्सेना(पी०जी०टी० भूगोल) ने उनकी 147वीं जयंती पर याद
करते हुए कहा कि इन्होनें अपनी दूरदर्शिता से एक मजबूत और एकजुट भारत के सपने को
साकार किया।
राष्ट्रीय एकता दिवस
§ भारत में प्रतिवर्ष
31 अक्तूबर को सरदार वल्लभभाई
पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता
दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय एकता
दिवस भी कहते हैं।
o इस दिन को मनाने के
पीछे का कारण लोगों को एकजुट करना और समाज के उत्थान के लिये उनके
विचारों से अवगत कराना है।
o इसे पहली बार वर्ष 2014
में मनाया गया था।
§ इस दिन सरदार पटेल
के राष्ट्रीय अखंडता और एकता में योगदान के विषय में जागरूकता फैलाने के लिये ‘रन फॉर यूनिटी (Run
For Unity)’ जैसे विभिन्न आयोजन किये जाते हैं।
§ वर्ष 2018
में सरदार पटेल की 143वीं जयंती के अवसर
पर भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया था।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी:
§ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
विश्व की सबसे ऊंँची (182 मीटर) मूर्ति है। यह चीन की स्प्रिंग
टेम्पल बुद्ध प्रतिमा (Spring
Temple Buddha statue) से 23 मीटर ऊंँची तथा
अमेरिका में स्थित स्टैच्यू ऑफ
लिबर्टी (93 मीटर लंबा) की
ऊंँचाई की लगभग दोगुनी है।
§ जनवरी 2020
में इसे शंघाई सहयोग संगठन में आठ अजूबों में शामिल किया गया था।
:परिचय-
o सरदार पटेल का जन्म
31 अक्तूबर, 1875 को नाडियाड गुजरात
में हुआ था।
o वे भारत के प्रथम गृह
मंत्री और उप-प्रधानमंत्री थे।
o भारतीय राष्ट्र को एक संघ बनाने (एक भारत) तथा भारतीय रियासतों के एकीकरण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
· यह विचारधारा अभी भी आत्मनिर्भर भारत पहल में परिलक्षित होती
है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करती है।
o आधुनिक अखिल भारतीय सेवा प्रणाली की स्थापना के कारण उन्हें 'भारत के सिविल सेवकों के संरक्षक संत' के रूप में भी याद किया जाता है।
§ प्रमुख योगदान:
o उन्होंने शराब के
सेवन, छुआछूत, जातिगत भेदभाव और
गुजरात एवं उससे बाहर महिला मुक्ति के लिये बड़े पैमाने पर काम
किया।
o उन्होंने राष्ट्रीय
स्वतंत्रता आंदोलन के साथ खेड़ा सत्याग्रह (वर्षं 1918)
और बारदोली सत्याग्रह (वर्ष 1928)
में किसान हित को एकीकृत किया।
·
बारदोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार'
की उपाधि दी, जिसका अर्थ है 'प्रमुख या नेता'।
o वर्ष 1930
के नमक सत्याग्रह (प्रार्थना और उपवास
आंदोलन) के दौरान सरदार पटेल ने तीन महीने कैदियों की सेवा की।
o मार्च 1931
में पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के कराची अधिवेशन (46वें सत्र) की अध्यक्षता की,
जिसे गांधी-इरविन समझौते की पुष्टि करने के लिये बुलाया गया था।
§ रियासतों का
एकीकरण:
o सरदार पटेल ने लगभग 565 रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
o उन्होंने नवाब द्वारा शासित
जूनागढ़ और निज़ाम द्वारा शासित हैदराबाद की रियासतों को जोड़ने के लिये बल का
प्रयोग किया था, ये दोनों अपने-अपने
राज्यों का भारत संघ के साथ विलय नहीं होने देना चाहते थे।
o सरदार वल्लभभाई
पटेल ने ब्रिटिश भारतीय क्षेत्र के साथ-साथ रियासतों का बिखराव और भारत के
बाल्कनीकरण को रोका।
o सरदार वल्लभभाई
पटेल ने रियासतों को ब्रिटिश भारतीय क्षेत्र के साथ एकजुट किया, जिससे भारत को
खंडित होने से रोका गया।
·
उन्हें भारतीय रियासतों के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण
भूमिका निभाने और रियासतों के भारतीय संघ के साथ गठबंधन करने हेतु राजी करने के
लिये "भारत के लौह
पुरुष" के रूप में जाना जाता है।
§ देहांत-
o 15 दिसंबर, 1950 को बॉम्बे में।
पुस्तकालय रिफाइनरी नगर मथुरा
केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में आज दिनाँक 07/02/2025 (शुक्रवार) को विदाई समारोह का आयोजन बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ किया ...