राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) भारत में
हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास
मंत्रालय, भारत सरकार ने साल 2008 में की थी. इस दिन विभिन्न
कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सेव द गर्ल चाइल्ड, चाइल्ड
सेक्स रेशियो और बालिकाओ के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षित वातावरण बनाने सहित
जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं. राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने के लिए 24 जनवरी का
दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की
पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
कन्या
भ्रूण हत्या की वजह से लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम है. लड़कियों की
साक्षरता दर भी एशिया में सबसे कम है. एक सर्वे के अनुसार, भारत में 42 फीसदी
लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है.
अधिकांश अभिभावकों को यह लगता है कि मोबाइल फोन ‘असुरक्षित’ है और ये उनका ध्यान
भंग करते हैं.
राष्ट्रीय
बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य -
-लोगों के
बीच लड़कियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और लड़कियों को नया अवसर
मुहैया कराना
-यह
सुनिश्चित करना कि हर लड़की को मानवीय अधिकार मिले
-लैंगिक
असमानता को लेकर जागरूकता पैदा करना
-बालिकाओं
की समस्या का समाधान
-महिलाओं
को समाज में जिन असमानताओं का सामना करना पड़ता है, उन सभी से
छुटकारा
राष्ट्रीय
बालिका दिवस का महत्व
भारत सरकार ने समाज में समानता लाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस की
शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य देशभर की लड़कियों को जागरूक करना है. साथ ही
लोगों को यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है. इसमें
सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है. उन्हें जागरुक किया गया है कि
लड़कियों को भी निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए.
क्यों मनाया जाता है
राष्ट्रीय बालिका दिवस
समाज में लड़कियों की स्थिति में सुधार के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस
मनाया जाता है. महिलाओ को अपने घरों, कार्यस्थलों और दैनिक जीवन में कई प्रकार के भेदभाव का सामना करना
पड़ता है. लड़कियों की स्थितियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस दिन
देशभर में कई कार्यक्रम और अभियान चलाए जाते हैं.
भारत में
प्रत्येक बालिका के कुछ अधिकार हैं-
-लिंग
भेदभाव के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षणों का उपयोग करना अवैध है.
-बाल विवाह
पर प्रतिबंध है.
-राज्य
सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की गई है.
-सरकार ने
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की है.
-पिछड़े
वर्ग की लड़कियों के लिए ओपन लर्निंग सिस्टम का बंदोबस्त.
-ग्रामीण
क्षेत्रों में लड़कियों
राष्ट्रीय
बालिका दिवस 2022 की थीम
हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम अलग होती है। बालिका दिवस
साल 2021 की थीम 'डिजिटल
पीढ़ी, हमारी पीढ़ी' थी। साल 2020 में
बालिका दिवस की थीम 'मेरी आवाज, हमारा समान भविष्य' थी।
साल 2022 बालिका दिवस की थीम की घोषणा फिलहाल
नहीं हुई है।
दुश्मनों का मुकाबला डट के कर सकती है ‘बेटी’
मत बांधों बेड़ियों में ऊंची उड़ान भर सकती है ‘बेटी’
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं…
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