Thursday, September 29, 2022

मनोदर्पण-लॉकडाउन के दौरान जीवन कौशल का विकास



कोविड-19 (कोरोना) महामारी के चलते सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए घर पर ही रहने को मजबूर स्कूलों एवं कॉलेजों के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखनें एवं छात्रों की समस्याओं को सुलझाने के उद्देश्य से भारत सरकार के आत्मनिर्भर अभियान के अंतर्गत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मनोदर्पण अभियान की शुरुआत की गयी है। केंद्रीय मंत्रालय के विद्यालय शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शुरु किये गये मनोदर्पण अभियान को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने आज 22 जुलाई 2020 ऑनलाइन लांच किया। साथ ही, मनोदर्पण अभियान के अंतर्गत टेली काउंसलिंग हेल्पलाइन नंबर 844844032 लांच किया गया, जिस पर देश भर के छात्र सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे के बीच फोन करके से अधिक 500 काउंसलर्स से मदद ले सकते हैं

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समय 264 मिलियन से अधिक लोग अवसाद से पीड़ित हैं और लगभग 8 लाख मामले रोजाना आते हैं। इनमें 15 से 29 वर्ष से की आयु के लोग, यानि छात्र होते हैं। हालांकि, ये आकड़े वैश्विक हैं लेकिन महामारी के बीच भारत में काफी मामले उभरते जा रहे हैं,” डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मनोदर्पण अभियान लांच की शुरुआत करते हुए कहा। “मनोदर्पण पहल के अंतर्गत वेबसाइट, manodarpan.mhrd.gov.in पर मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित सामग्री और परामर्शदाता उपलब्ध कराये गये हैं। इससे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ-साथ आमजन भी मदद ले सकते हैं।“

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज नई दिल्ली में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मनोदर्पण’ पहल शुरू की। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री अमित खरेस्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव श्रीमती अनिता करवाल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। श्रीमती अनिता करवाल ने इस कार्यक्रम में इस मनोदर्पण’ पहल के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने महसूस किया है कि जहां शैक्षणिक मोर्चे पर निरंतर शिक्षा पर ध्यान देना महत्वपूर्ण हैवहीं छात्रों की मानसिक तंदुरूस्ती को भी बनाए रखने पर समान जोर दिया जाना चाहिए। इसलिए मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक नई पहल की शुरूआत की है जिसमें कोविड महामारी के दौरान और उसके बाद भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को बनाए रखने के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा,मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक मुद्दों से जुड़े विशेषज्ञों का एक कार्यकारी समूह गठित किया गया है जो मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और छात्रों की चिंताओं पर नजर रखेगा और परामर्श सेवाएंऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक पहलुओं से निपटने में मदद उपलब्ध कराएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के दौरान और उसके बाद भी छात्रों की मदद के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेब-साइट पर मनोदर्पण- मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती नाम से एक वेब पेज बनाया गया है। इस वेब-पेज पर सलाहकारव्यावहारिक सुझाव,पोस्टर,पॉडकास्ट,वीडियो,मनोसामाजिक मदद के लिए क्या करें और क्या ना करें की सूचीएफएक्यू और ऑनलाइन पूछताछ प्रणाली मौजूद हैं।

क्या है मनोदर्पण अभियान?

मनोदर्पण अभियान एक आईटी एवं टेली काउंसलिंग इनिशिएटिव है, जिसके बारे में केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरु किये जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 मई को की गयी थी। मनोदर्पण अभियान के माध्यम से 3.75 करोड़ उच्च शिक्षा के छात्रों, 6.3 करोड़ 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों और विद्यालयी शिक्षा के छात्रों के मेंटल हेल्थ, फिजिकल हेल्थ, सोशल हेल्थ और इमोशनल हेल्थ को बनाये रखने के लिए जानकारियां एवं प्रशिक्षित काउंसलर्स के जरिए नि:शुल्क परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। मनोदर्पण अभियान के अंतर्गत बाद में लाइव चैट और वेबीनार जल्द ही शुरु किया जाएगा। साथ ही, मनोदर्पण अभियान के तहत लाइफ स्किल्स को स्कूलों एवं कॉलेजों के माध्यम से जोड़ा जाएगा और इन लाइफ स्किल्स में छात्रों की पर्फार्मेंस को उनके स्कोर कार्ड में भी जोड़ा जाएगा।

मनोदर्पण पहल में निम्नलिखित घटक शामिल हैं: -

·         परिवारों के साथ छात्रों,शिक्षकों और स्कूल प्रणालियों तथा विश्वविद्यालयों की फैकल्टी के लिए एडवाइजरी दिशा-निर्देश। 

·  एमएचआरडी की वेबसाइट पर वेब पेजजिसमें सलाहकार,व्यावहारिक सुझाव,पोस्टर,वीडियो, मनोसामाजिक मदद के लिए क्या करें क्या न करें की सूची, एफएक्यू और ऑनलाइन सवाल-जवाब प्रणाली मौजूद है। 

·         स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के डेटाबेस और परामर्शदाताओं की निर्देशिका जिनकी सेवाएं राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर टेली काउंसलिंग सेवा के लिए स्वेच्छा से ली जा सकती हैं। 

·         देश भर के स्कूलों,विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों के लिए एमएचआरडी द्वारा राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन। इस अनूठी हेल्पलाइन को अनुभवी परामर्शदाताओं / मनोवैज्ञानिकों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा संचालित किया जाएगा और यह कोविड-19 के खत्म होने के बाद भी जारी रहेगा 

·         मनोसामाजिक मदद के लिए पुस्तिका: छात्रों के समृद्ध जीवन कौशल और तंदुरूस्ती के लिए यह ऑनलाइन प्रकाशित किया जाएगा। पुस्तिका में एफएक्यू, तथ्य और कल्पित कथाओं सहित कोविड-19 महामारी और उसके बाद छात्रों के भावनात्मक और व्यवहार संबंधी चिंताओं (छोटे बच्चों से लेकर कॉलेज के युवाओं तक) को ठीक करने के तरीके और साधन शामिल होंगे। 

·        मनोवैज्ञानिक और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क करने,परामर्श लेने और मार्गदर्शन पाने के लिए संवादात्मक ऑनलाइन चैट प्लेटफ़ॉर्म होगा जो छात्रों,शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए कोविड​​-19 के दौरान और उसके बाद भी उपलब्ध होगा।

·         वेब पेज पर वेबिनारदृश्य-श्रव्य संसाधनों सहित वीडियो,पोस्टर,फ्लायर्स,कॉमिक्स और लघु फिल्में भी अतिरिक्त संसाधन सामग्री के रूप में अपलोड की जानी हैं। देश भर के छात्रों को सहयोग के रूप में क्राउड सोर्सिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

मनोदर्पण वेबसाइट के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: 👇

http://manodarpan.mhrd.gov.in/

पीपीटी देखने के लिए यहां क्लिक करें:

Wednesday, September 21, 2022

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस( 21 सितंबर)




  

  अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (World Peace Day) हर वर्ष 21 सितंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है. इस दिन यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली (UNGA) राष्ट्रों और लोगों के बीच अहिंसा, शांति और युद्धविराम के आदर्शों को बढ़ावा देने के प्रयास करती है. इस वर्ष वर्ल्‍ड पीस डे की थीम है 'End racism. Build peace.' जिसका अर्थ है 'नस्‍लवाद खत्‍म करें. शांति स्‍थापित करें'.

21 सितंबर 2022 को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन की शुरुआत 1982 से हुई थी, जिसकी थीम 'Right to peace of people' रखी गई थी। 1982 से लेकर 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन सन् 2002 से इसके लिए 21 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई।

तब से लेकर आज तक हर वर्ष 21 सितंबर के को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में शांति का संदेश पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कला, साहित्य, संगीत, सिनेमा और खेल जगत की प्रसिद्ध हस्तियों को शांतिदूत नियुक्त किया हुआ है। 
 
विश्व शांति दिवस पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का पैगाम दिया जाता है और एक दूसरे से भी शांति कायम रखने की अपेक्षा होती है। सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से लेकर अलग-अलग संगठनों, स्कूलों और कॉलेजों में शांति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।  जीवन का प्रमुख लक्ष्य शांति और खुशी प्राप्त करना है, जिसके लिए मनुष्य निरंतर कर्मशील तो है लेकिन शांति के लिए प्रयासरत नहीं। पूरा विश्व, समस्त देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।

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Wednesday, September 14, 2022


केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में दिनांक 14 सितम्बर 2022 को हिन्दी  दिवस समारोह आयोजित किया गया ।

हिन्दी दिवस का इतिहास

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। क्यूंकि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत होकर यह निर्णय लिया था की हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इस महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने का है।
आज की पोस्ट में हम आपको हिंदी दिवस के बारे में अधिक जानकारी देते हुए इसके इतिहास के बारे में भी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।
14 सितंबर, 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। लेकिन जब साल 1947 में अंग्रेजों से भारत आजाद हुआ तो भारत के सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल था। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है। 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ। संविधान सभा ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी। आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ। लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था। काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी।
भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में यह वर्णित है कि “संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय  होगा  |

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की कि इस दिन के महत्व देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाए। आपको बता दें पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था। साल 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के साथ साथ गांधी जी ने इसे जनमानस की भाषा भी कहा था।
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी। अंग्रेजी भाषा को हटाए जाने की खबर पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रर्दशन शुरू हो गया था। तमिलनाडू में जनवरी 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे हुए थे।

खैर जो भी है लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी हमारी राजभाषा है जिसका हमें सम्मान करना चाहिए। हर जगह हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। चाहे वह हिंदी दिवस हो या ना हो। क्योंकि 
हिंदी हैं हम वतन है - हिंदुस्तान हमारा। 
हमारी भाषा हिंदी हिंदुस्तान की शान है, 
इसे आसानी से हम लुप्त होने नहीं देंगे।




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Monday, September 5, 2022

शिक्षक दिवस समारोह (5 सितम्बर 2022)





केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में दिनांक 05 सितम्बर 2022 को शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया ।

जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरुरी है शिक्षक | शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के जीवन को बनाने और उसे आकार देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | प्राचीन काल से ही गुरुओं का हमारे जीवन में बड़ा योगदान रहा है | गुरुओं से प्राप्त ज्ञान और मार्गदर्शन से ही हम सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं | शिक्षक दिवस पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है. क्या आप जानते हैं कि शिक्षक दिवस सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है आइये जानते है इसके बारे में-

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में सम्पूर्ण भारत में सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है. वह एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति थे | गुरु का हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है और इसलिए कहा गया है कि-

ऐसा कहा जाता है कि गुरु अर्थात शिक्षक के बिना सही रास्तों पर नहीं चला जा सकता है. वह मार्गदर्शन करते है. तभी तो शिक्षक छात्रों को अपने नियमों में बांधकर अच्चा इंसान बनाते हैं और सही मार्ग प्रशस्त करते रहते है. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि जन्म दाता से बढकर महत्व शिक्षक का होता है क्योंकि ज्ञान ही इंसान को व्यक्ति बनाता हैजीने योग्य जीवन देता हैं |

भारत में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है-

इस दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हैंउत्सवकार्यक्रम आदि होते हैं. शिक्षक अपने टीचर्स को गिफ्ट देते हैं. कई प्रकार कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती है जिसमे छात्र और शिक्षक दोनों ही भाग लेते है. गुरु-शिष्य परम्परा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं |

यह दिन शिक्षक और छात्रों अर्थार्थ यू कहें तो समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है | इसी दिन शिक्षको को मान-सम्मान देकर उनके काम की सराहना करते है. एक शिक्षक के बिना कोई भी डॉक्टरइंजीनियर आदि नहीं बन सकता है. शिक्षा का असली ज्ञान सिर्फ एक शिक्षक ही दे सकता है |

शिक्षक दिवस को मनाने कि तिथियां अलग-अलग देशों में भिन्न हैं. क्या आप जानते हैं कि यूनेस्को ने आधिकारिक रूप में 'शिक्षक दिवसको मनाने के लिए अक्टूबर को चुना अब इसलिए 100 से अधिक देशों में यह 'शिक्षक दिवसके रूप में मनाया जाता है |

अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि सितंबर का दिन डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में ही नहीं बल्कि शिक्षकों के प्रति सम्मान और लोगों में शिक्षा के प्रति चेतना जगाने के लिए भी मनाया जाता है |



पुस्तकालय केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर, मथुरा 

Saturday, September 3, 2022

छात्र परिषद अलंकरण एवं शपथग्रहण समारोह सत्र 2022-23

केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में दिनांक 01/09/2022 को छात्र परिषद अलंकरण एवं शपथग्रहण समारोह सत्र 2022-23 आयोजित किया गया । इस समारोह मे छात्र परिषद के विभिन्न पदों के लिए छात्रों का चुनाव एवं शपथग्रहण भी सम्पन्न हुआ।


पुस्तकालय रिफाइनरी नगर मथुरा




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शिक्षक दिवस समारोह 5 सितम्बर 2024

केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में दिनांक 05 सितम्बर 2024 को शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया ।  शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के ...