Friday, October 15, 2021

पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती ।


 भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम  की आज जयंती है।  डॉ कलाम  का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। दुनिया उन्हें नाम से कम उनके काम से ज्यादा जानती हैं।  
देश को आधुनिक स्वदेशी मिलाइल बनाने में सक्षम बनाने वाले, मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध डॉ कलाम का पूरा जीवन साधारण रहकर असाधारण रहा।  पूरा देश 15 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर याद कर रहा है।
युवा पीढ़ी को सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाले 'भारत रत्न' डॉ॰ अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम को उनकी 91वीं जयन्ती पर सादर नमन व भावपूर्ण श्रद्धांजलि। दुनिया भर के लाखों-करोड़ों छात्रों के लिए रोल मॉडल डॉ॰ कलाम का जीवन संघर्षों और सफलता की अनूठी मिसाल है। उन्होंने विषम परिस्थितियों के बावजूद वह कर दिखाया जिसका सपना देखना भी किसी साधारण इंसान के लिए मुश्किल है। वे कहते थे, ‘सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते हैं। भारत के पहले गैर राजनीतिक राष्ट्रपति डॉ॰ कलाम एक अच्छे शिक्षक, लेखक और वैज्ञानिक थे। उनके निर्देशन में भारत ने पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएवी -3 बनाया और पहला उपग्रह रोहिणी अंतरिक्ष में स्थापित किया गया। कलाम साहब के निर्देशन में पृथ्वी मिसाइल, त्रिशूल मिसाइल, टैंक भेदी नाग मिसाइल की कामयाबियों के चलते वह 'मिसाइल मैन' के नाम मशहूर हो गए। देश के विकास में उनके योगदान के लिये उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न से नवाजा गया। इसके अलावा उनकी विद्वता के लिये 40 विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी। डॉ॰ कलाम भले ही एक वैज्ञानिक थे, लेकिन उनकी पढ़ाने में काफी रुचि थी और अपने पूरे वैज्ञानिक और राजनीतिक जीवन में कलाम ने खुद को शिक्षक समझा। छात्रों और युवा पीढ़ी को दिए गए उनके प्रेरक संदेश तथा उनके स्वयं के जीवन की कहानी देश की आने वाली कई पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।🙏
पुस्तकालय केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा 

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