Monday, February 28, 2022

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022

 

आज केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर महान भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन  को स्पेक्ट्रोस्कोपी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज के लिए नमन और याद करता है.

 राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) हर साल 28 फरवरी को देश के विकास में वैज्ञानिकों के योगदान को चिह्नित करने और पहचानने के लिए मनाया जाता है। इस दिन, 1928 में, भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन ने स्पेक्ट्रोस्कोपी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज की, जिसे 'रमन प्रभाव' कहा जाता है। यह दिन 'रमन प्रभाव' की खोज को समर्पित है। सीवी रमन को उनके काम के लिए 1930 में भौतिकी में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 का विषय 'सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण' (‘Integrated Approach in Science and Technology for Sustainable Future’) है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों और विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुभकामनाएं दीं और विज्ञान की शक्ति का लाभ मानव प्रगति के लिए उठाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का आह्वान किया।

आइये नीचे दिए गए सवाल-जवाब की मदद से इस दिन के बारे में खास बातें जानते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब और क्यों मनाते हैं?

सन् 1928 में प्रोफेसर सी.वी रमन ने कोलकाता में एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज/आविष्कार किया था जिसे रमन प्रभाव के नाम से संबोधित किया गया और उन्हें प्रसिद्धि मिली। 28 फरवरी 1930 को यह खोज प्रकाश में आई। इस महान खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। 1986 से हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक समारोह के रूप में मनाया जाता है।

उनके द्वारा किए गए सफल प्रयास को भविष्य में सदा के लिए याद रखने के लिए सन् 1986 में National council for science & technology communication द्वारा 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया गया। उस दिन से ही भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में 28 फरवरी को यह दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने लगा।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य

  • इस दिवस को प्रति वर्ष मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों व विद्यार्थियों के बीच विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा करना।
  • दिवस को मनाने का एक मुख्य मकसद भी है, चंद्रशेखर रमन व उनके रमन प्रभाव को सम्मान प्रदान करना।
  • वैज्ञानिक आविष्कारों की महत्वता बताना।
  • जो लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं उन्हें विज्ञान व वैज्ञानिक क्षेत्र में मौका प्रदान करना।
  • विज्ञान और वैज्ञानिक विकास पर चर्चा करना व नई तकनीकों को लागू करना।
  • मानव कल्याण व प्रगति के प्रति वैज्ञानिक क्षेत्र में हर गतिविधियों, उपलब्धियों व प्रयासों को प्रदर्शित करना।
  • जो बच्चे विज्ञान विषय में दिलचस्पी रखते हैं उन्हें विज्ञान क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों व खोजों के लिए प्रेरित करना, उन्हें विज्ञान के प्रति आकर्षित व जागरूक करना, विज्ञान तथा वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के प्रति जागरूक करना।
  • प्रोफेसर सी.वी रमन की कुछ personal information
  • डॉक्टर सी.वी रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली क्षेत्र में हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर था जो एस पी जी कॉलेज में भौतिक विषय के प्राध्यापक थे। उनकी माता का नाम पार्वती अम्मल था जो एक सुसंस्कृत घराने की थीं। रमन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विशाखापत्तनम से प्राप्त की।

    वह एक तमिल ब्राह्मण परिवार के थे और वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत में कोई शोध कार्य किया। वर्ष 1907 से 1933 तक वहइंडियन एसोसिएशन ऑफ द कल्टीवेशनऑफ़ साइंस, कोलकाता पश्चिम बंगाल में कार्यरत थे। उस दौरान ही उन्होंने कई विषयों पर शोध कार्य किया। इन्हीं शोध कार्यों में से एक रमन प्रभाव भी रहा जो एक विशेष खोज साबित हुई थी।

  • वर्ष 1928 में उन्होंने ‘प्रकाश का वितरण’ की खोज की थी जिससे वह पूरे भारत में मशहूर हो गए थे।

    रमन पहले एशियाई थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1954 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था।

    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव कैसे मनाया जाता है?

    इस दिन को celebrate करने के लिए देश के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजन किया जाता है और सभी वैज्ञानिक बहुत उत्साहसे इस दिवस को मनाते हैं। संपूर्ण भारत के सभी स्कूलों, कॉलेजों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों पर इस समारोह का आयोजन किया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए इन आयोजनों में विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है जिसमें बच्चे व बड़े सभी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से इस दिन को अहम बनाते हैं।

    राष्ट्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तत्वावधान में हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवसमनाया जाता है।

    देश के प्रत्येक वैज्ञानिक शैक्षणिक तकनीकी और अनुसंधान चिकित्सा आदि संस्थानों में यह दिवस प्रतिवर्ष बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

    इस उत्सव में भाषण प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, शोध प्रदर्शन, व्याख्या, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनियां,विज्ञान विषय व अवधारणाओं पर आधारित विज्ञान प्रदर्शनी आदि शामिल किया जाता है।

  • वर्ष 1957 में उन्हें लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

  • वर्ष(2022) की थीम(National Science Day 2022 Theme):-

    हाल ही में देश के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) 2022 की थीम को लांच किया गया है। इस वर्ष यानी 2022 की थीम-“सतत् भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण” रखी गई है, इंग्लिश में इसे Integrated Approach in S&T for Sustainable Future कहते हैं इसका उद्देश्य है विज्ञान से संबंधित सभी मुद्दों व विषयों की सार्वजनिक तौर पर सराहना करना व बढ़ावा देना।

    केंद्रीय राज्य मंत्री ने आने वाले दिनों में अवसर के लिए एक राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन के आयोजन की भी बात कही है।इस सम्मेलन आयोजन में केंद्र, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी मुख्य तौर पर शामिल किया जाएगा जिससे कि देश में भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं के लिए प्रभावी समाधान पर विचार विमर्श किया जा सके।

  • पुस्तकालय,केन्द्रीय विद्यालय क्रं02,मथुरा

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