खेल और शिक्षा
खेल कूद भी व्यक्ति के जीवन का एक अहम
हिस्सा है। यह हमारी शिक्षा का एक अभिन्न अंग है क्योंकि शिक्षा का अभिप्राय केवल
किताबी ज्ञान से नहीं होता अपितु इसके अंतर्गत खेल कूद का ज्ञान भी आवश्यक है।
शिक्षा का अर्थ मानसिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास से भी होता है। कहा भी जाता
है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। शिक्षा और खेलों का एक
दूसरे के बिना कोई महत्व नहीं है। ये दोनों ही एक दूसरे के बिना अपंग है।
खेल व्यक्ति के संपूर्ण विकास में अहम
भूमिका निभाते हैं। एकता, भाईचारे, निस्वार्थ और
मैत्री भावना जैसे गुण जो वह किताबों से सीखता है, खेलों में
उन्हें वह अपनाता है। खेलों में भाग लेने से प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है
जिससे व्यक्ति पढ़ाई में ओर बेहतरीन करने लगता है। खेल हमें एकाग्रचित्त होकर
कार्य करने में मदद करते हैं। खेल खेलने से सद्भावना का विकास होता है और हम
सकारात्मक चीजों की तरफ अग्रसर होते हैं। खेलों से बच्चों की सोचने समझने की शक्ति
में वृद्धि होती है जिसका लाभ उन्हें पढ़ाई लिखाई में होता है। खेलों के क्षेत्र
में भविष्य का निर्माण भी किया जा सकता है। यह आजीविका अर्जन का भी बेहतरीन मार्ग
है।
खेलों की आवश्यकता-
शिक्षा
प्रणाली को पहले से बेहतरीन और रोचक बनाने के लिए खेलों की आवश्यकता है। व्यक्ति
किताबों में जो कुछ भी पढ़ता है उन्हें वह खेल के मैदान में अपनी असल जिंदगी में
अपनाता है। खेलने से व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास होता है और उसकी बुद्धि में
वृद्धि होती है। सारा दिन पढ़ने से व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो जाता है लेकिन खेल उसे
तनाव मुक्त बनाते हैं। खेलों में व्यक्ति अपनी कमी को पहचानता है और उन्हें
सुधारने का प्रयास करता है और वह ठीक ऐसा ही पढ़ाई में भी करता है। वह अपनी कमियों
को सुधार पहले से बेहतरीन प्रदर्शन करता है। शिक्षा और खेलों को एक दुसरे के पूरक
माना जाता है। दोनों ही एक दुसरे ऐ बिना अपंग है। हर रोज खेल कुद करने से व्यक्ति
का मस्तिष्क बेहतरीन कार्य करता है और पढ़ने में रुचि उजागर होती है जिससे व्यक्ति
पहले से ज्यादा मन लगाकर पढ़ाई कर सकता है। बच्चों का तो खेल कुद से बहुत ही गहरा
नाता है क्योंकि इससे वह जो गुण सिखते है वह उन्हें जिंदगी भर याद रहते हैं।
खेलों के लाभ-
खेलों में भाग लेने से व्यक्ति में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होती है और वह अपनी हार और जीत को खुशी खुशी स्वीकार करना सीख जाता है। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही राष्ट्रीय एकता की भावना को भी मजबूती मिलती है। यह राष्ट्र के विकास के लिए बहुत ही लाभदायक है। खेलों के क्षेत्र में भविष्य भी उजागर है इसलिए पढ़ाई के साथ साथ खेल भी जरूरी है। खेलों के बिना जीवन नीरस है और व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए खेलों का होना आवश्यक है। आज के समय में केवल किताबी कीड़ा बनना ही काफी नहीं है अपितु खेल कुद से खुद को स्वस्थ रखना ही आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति के विकास में खेल कुद की भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
आज के
समय में खेलों की वजह से ही बहुत से लोग अच्छे अच्छे पदों पर है लेकिन अच्छे पढ़े
लिखे होने के बावजूद भी बहुत से लोग दुर्बल काया होने के कारण अच्छे पदों से वंचित
रह जाते हैं। हमें चाहिए कि हम संपूर्ण विकास की तरफ अग्रसर हो और खेलों को अपने
जीवन का अंग बनाए। खेल कूद करने से शरीर का प्रत्येक भाग सुचारु रुप से कार्य करता
है और उसे ताजगी का अनुभव होता है जिससे उसका पढ़ाई में मन लगने लगता है। खेलने से
व्यक्ति की एकाग्रचित्त भावना में वृद्धि होती है और पढाई में रूचि लेता है। खेलने
से उसकी सोचने की क्षमता वृद्धि होती है। इतना ही नहीं खेलों में भविष्य भी उजागर
है इसलिए पढाई के साथ साथ खेल कूद भी बहुत महत्वपूर्ण है। खेल कुद व्यक्ति को सभी
काम समय पर करना सिखाता है और उसे पहले से ज्यादा अनुशासित बनाता है।
शिक्षा
के साथ साथ खेल भी व्यक्ति के बेहतरीन चरित्र के निर्माण में मदद करते हैं। खेल
कूद शरीर में रक्तसंचार को सूचारु रखते हैं। खेलों से राष्ट्रीय एकता की भावना का
भी निर्माण होता है। यह राष्ट्र के विकास के लिए बहुत ही लाभदायक है। खेल कुद से
बच्चों में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होती है। व्यक्ति अपनी हार
और जीत को खुशी खुशी अपनाना सीख जाता है और अपनी कमियों को पहचानता है। यहीं काम
वह शिक्षा के समय पर करता है और अपनी कमियों को पहचान उन्हें सुधारने का प्रयास
करता है। जब इंसान अपनी गलतियों को समझ जाता है तो वह उन्हें सुधारता है और पहले से
बेहतरीन प्रदर्शन करता है।
स्कूलों में खेल-
बच्चों
की पूर्ण शिक्षा और विकास के लिए स्कूलों और कालेजों में भी खेल कुद एक विषय के रुप
में पढ़ाए जाते हैं। समय समय पर
विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। सरकार भी खेलों को बढ़ावा देती है
और बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। रोज एक घंटी खेल- कुद की होती है। शिक्षकों को भी चाहिए कि वह बच्चों को पढ़ाई
के साथ साथ खेल के लिए भी प्रोत्साहित करे और उन्हें उच्च शिक्षा और पूर्ण विकास
की तरफ अग्रसर करे। बहुत से बच्चे तो आज शिक्षा के बल पर ऊंचे ऊंचे पदों पर है।
खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम-
खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रोग्राम का आगाज हो चूका
है. खिलाड़ियों की प्रतिभा को नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए सरकार ने
खेलो इंडिया स्कीम को लॉन्च किया है. इस महत्वपूर्ण कदम से ओलिंपिक में भी भारत की
रैंकिंग सुधारने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य
ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन एवं सुविधाओं की कमी को पूरा करना है.
भारत खेल के क्षेत्र में एक बहु प्रतिभाशाली देश है, लेकिन क्रिकेट
और हॉकी के अतिरिक्त अन्य खेलों में अभी तक उच्च स्थान प्राप्त करने में भारत को
सफलता हाथ नहीं लगी है. हालांकि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, किन्तु
खिलाड़ियों को उचित व्यवस्था के अभाव में अच्छा प्रदर्शन करना काफी चुनौतियों भरा
होता है. इसलिए होने वाली विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में उच्च श्रेणी हासिल करने
में असफल साबित हो जाते है. इन सब समस्याओं के चलते भी कई भारतीय एथलीट काफी
बेहतरीन प्रदर्शन करते है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स
में रजिस्ट्रेशन फॉर्म, गेम्स लिस्ट, रिजल्ट, टीम इन सबकी
जानकारी आपको हमारे इस आर्टिकल में मिलेगी.
खेलो इंडिया योजना के लिए बजट-
अभी खेलो इंडिया योजना के लिए 500 करोड़ रु केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को व्यवस्थित रूप से शुरू करने
के लिए दिए गए है, इसमें से 130 करोड़ रु स्टेडियम और प्रशिक्षण केन्द्रो में खेल सम्बन्धी उपकरण
जुटाने एवं रख रखाव करने के लिए दिए जाएंगे. जबकि 230 करोड़ रु सरकार देश में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने में
खर्च करेगी. इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 100 करोड़
रु प्रतिभा को ढूढ़ने वाली समितियों को दिए जायेंगे जिसकी सहायता से वो खेल प्रतिभा
सम्बन्धी प्रतियोगिताओं का आयोजन करा सकें, अगर
पूरे बजट की बात की जाय तो सरकार ने 1756 करोड़
रु सन् 2017
से लेकर सन् 2020 तक के लिए खर्च करने की योजना बनाई है.
खेलो इंडिया योजना का निर्माण
गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु किया जा रहा
है. इस योजना की सहायता से सरकार भारत देश की प्रतिभा से पूरे विश्व को परिचय
कराने की सोच रही है. खेलो इंडिया प्रोग्राम की मदद से उन खिलाड़ियों को मदद मिलेगी
जो क्षमता होने के बाद भी पैसे या साधन न मिलने से पीछे रह जाते है. इस प्रोग्राम
से खेलों में भारत की विश्व स्तरीय रैंकिंग तालिका में ऊपर जाने की सम्भावना की जा
रही है.
इसके माध्यम से देश के सभी
क्षेत्रो से प्रतिभा खोजने का अनुमान लगाया जा रहा है. खेलो इंडिया की सहायता से
महिलाओं को भी खेलों में प्रोत्साहन दिया जायेगा. भारत सरकार के द्वारा यह कदम खेल
क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया है.
खेलो
इंडिया की पात्रता के लिए योग्यता-
आयु – जो भी आवेदक स्पोर्ट स्कालरशिप पाने के
लिए सरकार ने 8 वर्ष से लेकर 18 वर्ष
के बीच ही निर्धारित की गयी है. अर्थात इस आयु सीमा के बाहर वाले आवेदक का आवेदन
खेलो इंडिया प्रोग्राम के लिए अमान्य माना जायेगा.
·
खेलों से सम्बंधित आवेदक – इस स्कीम के अंतर्गत केवल वही आवेदक चुने
जायेंगे जो खेलों से जुड़े होने के साथ अपनी प्रतिभा को सुधारना चाहते है.
·
निवास प्रमाण पत्र – इस प्रोग्राम से स्कॉलरशिप राशि प्राप्त
करने के लिए आवेदक का ग्रामीण, पिछड़े और सुविधाओं से वंचित क्षेत्र का
निवास प्रमाण पत्र होना जरुरी है.
·
एक आवेदक कितने खेल चुन सकता है? – भारत सरकार की नियमावली पत्रिका में एक
आवेदक खिलाड़ी केवल एक ही खेल का चुनाव कर सकता है. अर्थात जो भी आवेदक इसका हिस्सा
बनना चाहता है उसे अपना एक ही खेल में प्रशिक्षण देने का प्रावधान है.
खेलो इंडिया यूथ गेम्स ऑनलाइन आवेदन
प्रक्रिया 2020 (Khelo India Youth Games
Registration Forms 2020) –
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खेलो
इंडिया यूथ गेम्स में अपने को रजिस्टर करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल साईट पर जाना
होगा, इसके लिए यहाँ क्लिक करें खेलो इंडिया रजिस्ट्रेशन
पोर्टल.
·
साईट
ओपन होने के बाद, बीच में रजिस्ट्रेशन पोर्टल में क्लिक
करें,
·
यहाँ
एक न्यू पेज खुलेगा, जहाँ खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए
रजिस्टर कर सकते है.
·
यहाँ
4 केटेगरी है, कोच, एथिलिट, मेनेजर
और टेक्निकल ऑफिसियल. आप जिस भी केटेगरी से है, उसे क्लिक करें.
·
अगर
आप पहली बार खेलो इंडिया के लिए रजिस्टर कर रहे है, तो पूरी जानकारी भरें, जिससे
आप रजिस्टर हो सकें. अगर आपके पास पहले से लॉग इन आईडी है तो उसे उपयोग करते हुए
लॉग इन करें.
·
सारी
जानकारी सही भरने के बाद सबमिट कर दे.
फिट इंडिया फ्रीडम रन -
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू शुक्रवार
को ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिये फिट इंडिया फ्रीडम रन को लांच किया जिसमें सरकारी और
निजी संगठन हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय खेल
मंत्रालय देश भर में इस दौड़ फिट इंडिया फ्रीडम रन को आयोजित कर रहा है जो 15 अगस्त से दो अक्टूबर तक चलेगी। कोरोना के कारण
मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार प्रतिभागियों को अपनी सुविधा के हिसाब से कहीं भी
और किसी भी समय दौड़ने के लिए प्रेरित कर रही है।
प्रतिभागी अपनी दौड़ को कई दिनों में बांट सकते हैं और जीपीएस की
मदद से तथा खुद अपनी तय की हुई दूरी को नाप सकते हैं। इस इवेंट का उद्देश्य कोरोना
के समय में लोगों के बीच फिटनेस को लेकर जागरूकता पैदा करना है। सीमा सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा
पुलिस और केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल जैसे सशस्त्र संगठन इस दौड़ में हिस्सा ले रहे
हैं। इनके साथ भारतीय रेलवे, सीबीएसई और आईसीएसई स्कूल जुड़ेंगे। फिटनेस कॉपोर्रेट प्रोकैम और
गोकी भी इससे जुड़ेंगे।इनके अलावा नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना
के 75 लाख स्वंयसेवक तथा देश भर में भारतीय खेल प्राधिकरण के
प्रशिक्षु भी इस दौड़ का हिस्सा बनेंगे। रिजिजू ने फिट इंडिया फ्रीडम रन को लांच करते हुए
कहा, “ मैं इस रन के लिए इतना उत्साह देखकर बहुत खुश हूं । यदि हम लोगों
को इस दौड़ के लिए उत्साहित कर सके तो यह स्वतंत्रता दिवस की भावना के अनुरूप होगा।
हमारे प्रधानमंत्री का यह लक्ष्य है कि फिट इंडिया मूवमेंट देश में फिटनेस के
प्रति एक आंदोलन बने। ”
निष्कर्ष- खेलों
के बिना जीवन नीरस है और व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए खेलों का होना आवश्यक
है। आज के समय में केवल किताबी कीड़ा बनना ही काफी नहीं है अपितु खेल कुद से खुद
को स्वस्थ रखना ही आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति के विकास में खेल कुद की भूमिका को
नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। आज के समय में खेलों की वजह से ही बहुत से लोग
अच्छे अच्छे पदों पर है लेकिन अच्छे पढ़े लिखे होने के बावजूद भी बहुत से लोग
दुर्बल काया होने के कारण अच्छे पदों से वंचित रह जाते हैं। हमें चाहिए कि हम
संपूर्ण विकास की तरफ अग्रसर हो और खेलों को अपने जीवन का अंग बनाए।
खेल कूद शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है जिनके बिना शिक्षा प्रणाली बिल्कुल अपंग है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में किसी न किसी खेल को अवश्य अपनाना चाहिए जिससे कि उसका सही से विकास हो सके। वैसे भी कहा भी जाता है कि सारा दिन पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे खराब, खेलोगे कुदोगे तो बनोगे नवाब। किन्तु देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कुदोगे तो बनोगे लाज़वाब। सारा दिन पढ़ते रहने से भी मनुष्य तनाव ग्रस्त हो जाता है और उसी तनाव से राहत पाने के लिए खेल सहायक है और बुद्धि में भी वृद्धि होती है। खेल हमारे मस्तिष्क को शांत रखने में मदद करते हैं और हमें सुव्यवस्थित तरीके से काम करने में मदद करते हैं। किसी भी व्यक्ति के विकास में खेल कुद की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हम चाहे कितने भी दिमाग वाले हो पर चलना हमें पैरों से ही पढ़ता है और उसके लिए अच्छा स्वास्थ्य जरुरी है। बहुत से व्यक्ति अच्छे पदों से दुर्बल काया होने के कारण वंचित रह जाते हैं। हम सबको खेलों को अपनाना चाहिए और जिंदगी की इस दौड़ में किसी भी तरह से पीछे नहीं रहना चाहिए।
Amitkumar
ReplyDeleteAmitkumar class 7a
ReplyDeleteour school do study only they not interested in sports
ReplyDeletekvmrn-2
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