Thursday, January 23, 2025

पराक्रम दिवस(नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयन्ती)

  केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा में आज दिनांक 23/01/2025 को पराक्रम दिवस का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य जी द्वारा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित करने के साथ हुआ। 

इस अवसर पर विद्यालय की छात्रा ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से संबंधित अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य जी ने अपने उदबोधन में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का देश की आजादी में योगदान को रेखांकित एवं प्रेरक बातों को विद्यार्थियों के साथ साझा किए।

इस अवसर पर विद्यालय में जिला स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें जिले के विभिन्न विद्यालयों विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्राचार्य जी द्वारा प्रमाण - पत्र तथा पुरस्कार प्रदान किए गए।

पराक्रम दिवस 23 जनवरी को भारत में मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयन्ती से पहले इस दिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गयी थी।

देश की आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है. ब्रिटिश शासन से देश की आजादी की लड़ाई के दौरान नेताजी के दिए नारों ने देशभक्ति की अलख जगा दी थी- तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिन्द, दिल्ली चलो. इसमें से तो 'जय हिंद' का नारा राष्ट्रीय नारा बन गया।

सुभाष चंद्र बोस के बारे में 05 महत्वपूर्ण बातें -

1- सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 में ओडिशा के कर्नाटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था. इनकी मां का नाम प्रभावती और पिता का जानकीनाथ था।

2- आपको बता दें कि सुभाष चंद्र बोस 14 भाई बहन थे. जिसमें से ये 9वें नंबर पर थे।

3 - सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा भी पास की थी जिसमें उन्हें चौथा रैंक प्राप्त हुआ था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजों से मुल्क की आजादी के लिए इस पद की बलि चढ़ा दी।

4 - देश की आजादी के लिए सुभाषचंद्र बोस ने 1943 में सिंगापुर में आजाद हिंद फौज सरकार की स्थापना की. जिसे 9 देशों की सरकारों ने मान्यता दी थी जिसमें जर्मनी, जापान और फिलीपींस भी शामिल थे।

5 - 18 अगस्त 1945 को ताइपई में हुए एक विमान दुर्घटना के बाद नेताजी लापता हो गए. इसके लिए 3 जांच आयोग बैठाए गए जिसमें से दो ने दुर्घटना के दौरान मृत्यु का दावा किया था जबकि तीसरी कमेटी का दावा था कि घटना के बाद सुभाष चंद्र बोस जिंदा थे।



पुस्तकालय केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर मथुरा 



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